दो साल से कम उम्र के बच्चों को शहद खिलाने से पहले जान लें ये जरूरी बातें

दो साल से कम उम्र के बच्चों को शहद खिलाने से पहले जान लें ये जरूरी बातें

सेहतराग टीम

बच्चों का शरीर काफी कमजोर और कोमल होता है। इसलिए बच्चों की देखभाल करना बेहद जरूरी है। यही कारण है कि सभी मां-बाप अपने बच्चों का ख्याल रखते हैं। खासकर बच्चों के खान-पान पर ध्यान दिया जाता है। क्योंकि अगर बच्चों का पोषण सही रहेगा तभी उनका शरीर भी फिट रहेगा। ऐसे में सभी लोगों को बच्चों के खाने-पीने पर ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता होती ही। वहीं छोटे बच्चों के खाने-पीने में अधिकतर शहद का प्रयोग किया जाता है। लेकिन अगर बहुत छोटा बच्चा है तो उसके डाइट में शहद शामिल करना उसे नुकसान पहुंचा सकता है।

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शहद के नुकसान (Side Effect of Honey For Child in Hindi):

इसमें कोई शक़ नहीं कि शहद न्यूट्रिशन से भरपूर एक हेल्दी फूड है, लेकिन क्या छोटे बच्चों को इसे देना सही है? एक्सपर्ट्स का कहना है कि छोटे बच्चों को शहद खिलाना उनकी सेहत के साथ खिलवाड़ करने के बराबर है। शहद जिसे गोल्डन लिक्विड भी कहा जाता है, में दरअसल क्लोस्टिडयम बोटुलिनम नाम का बैक्टीरिया पाया जाता है। दो साल से कम उम्र के बच्चों के शरीर में शहद के साथ इस बैक्टीरिया का दाखिल होना काफी ख़तरनाक साबित हो सकता है। इस बैक्टीरिया की वजह से बच्चे को फूड पॉइज़निंग भी हो सकती है।

बोटुलिज़म के आम लक्षणों में:

  • कमज़ोरी, बेजान सा हो जाना
  • भूख न लगना
  • कब्ज़
  • सुस्ती
  • इसके अलावा आपका बच्चा चिड़चिड़ा भी हो सकता है, सांस लेने में तकलीफ हो सकती है, या कमज़ोरी से रो सकता है। कुछ शिशुओं को दौरे का अनुभव भी हो सकता है। शहद खाने के 12 से 36 घंटे के बाद बच्चे के शरीर में आप इसका असर देख पाएंगे। अक्सर बोटुलिज़म के लक्षण की शुरुआत कब्ज़ से होती है। 
  • बोटुलिज़्म के कुछ लक्षण, जैसे सुस्ती और चिड़चिड़ापन, सेप्सिस या मेनिंगोएन्सेफलाइटिस जैसी अन्य बीमारियों के भी हैं, इसलिए आपके बच्चे के डॉक्टर को यह बताना ज़रूरी है कि क्या उसने शहद खाया था। उचित निदान प्राप्त करने से आपके बच्चे को उचित उपचार मिलेगा।
  • अगर आपके बच्चे में बॉटुलिज़्म का कोई लक्षण है और उसने हाल ही में शहद का सेवन किया है, तो आपको इसे आपातकालीन स्थिति में लेना चाहिए। जितनी जल्दी हो सके स्थानीय अस्पताल ले जाएं।

 

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